Sunday, January 18, 2009

एहसास दिलाया है तो मिलता ही नहीं
अजनबी था तो रोज़ मिला करता था
आज वो मुझसे मेरी हर बात का मानी पूछे
जो मेरी सोच की ताबीर लिखा करता था

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