Thursday, December 18, 2008

"कल फुरसत न मिली तो क्या करोगे ?
इतनी मोहलत न मिली तो क्या करोगे ?
रोज हमे रुला देते हो करके उदास,
कल अगर हमारी आँखें ही न खुली तो क्या करोगे ?"

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