Sunday, December 21, 2008

zauk ki shayyiri

कौन-सा हमदम है तेरे आशिके बेदम[मुर्दा] के पास राम है उस पास हमदम और वो है दम के पास हमको कया साकी जो था जामे जहां बीं जम[name of a king] के पास तेरा जामे बादा[मदिरा] हो और तू हो उस पुर गम के पास किसकी किस्मत है कि ज़ख्मे तेग़[तलवार] कातिल हो नसीब जान से जायेंगे,न जायेंगे मगर मरहम के पास शब ज़ार जान रुक गयी लब पर दहन[मुँह] के पास फिर उठके रह गया यें मुसाफिर वतन के पास यह जुये[नहर] खू रवां नहीं देखो है रो रहा तेशा[कुल्हाडी] सर अपना रखके सरे कोहकन[फरहाद] के पास

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