Thursday, April 30, 2009

muhammad alavi ki shayyiri

जाती हुई लड़की को सदा देना चाहिए
घर हो तो क्या बुरा है, पता देना चाहिए
सदियों से किनारे पे खड़ा सूख रहा है
इस शहर को दरया में गिरा देना चाहिए
होंटों के गुलाबों को चुरा लेने से पहले
बालों में कोई फूल खिला देना चाहिए
डर है कहीं कमरे में ना घुस आये ये मंज़र
खिड़की को कहीं और हटा देना चाहिए
पर तौड के बैठी है ये उड़ती ही नहीं है
तस्वीर से चिड़िया को उदा देना चाहिए
मरने मैं मज़ा है मगर इतना तो नहीं
अल्वी तुम्हें क़ातिल को दुआ देना चाहिए

No comments:

Post a Comment

wel come