Tuesday, January 5, 2010

jis tarah chahen qaram farmayiye


jis tarah chahen qaram farmayiye
dil mein rahiye dard bante jayiye
sochiye toh husn kaafir kuch nahin
dekhiye aur dekhte reh jayiye
ho chuki taskeen kyun samjhyiye
aap ko jana hai achcha jaayiye
unnke ghar aur sirf unnke ghar
jaayiye aur bin bulaye jayiye

3 comments:

  1. Hi.. so beautiful...
    liked it..
    how are you?
    and where r u?

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  2. प्रणय गीत
    गीत प्रणय का अधर सजा दो ।
    स्निग्ध मधुर प्यार छलका दो ।
    .
    शीतल अनिल अनल दहकाती,
    सोम कौमुदी मन बहकाती,
    रति यामिनी बीती जाती,
    प्राण प्रणय आ सेज सजा दो ।
    गीत प्रणय का अधर सजा दो ।
    .
    गीत प्रणय का अधर सजा दो ।
    स्निग्ध मधुर प्यार छलका दो ।
    .
    ताल नलिन छटा बिखराती,
    कुंतल लट बिखरी जाती,
    गुंजन मधुप विषाद बढाती,
    प्रिय वनिता आभास दिला दो ।
    गीत प्रणय का अधर सजा दो ।
    .
    गीत प्रणय का अधर सजा दो ।
    स्निग्ध मधुर प्यार छलका दो ।
    .
    नंदन कानन कुसुम मधुर गंध,
    तारक संग शशि नभ मलंद,
    अनुराग मृदुल शिथिल अंग,
    रोम रोम मद पान करा दो ।
    गीत प्रणय का अधर सजा दो ।
    .
    गीत प्रणय का अधर सजा दो ।
    स्निग्ध मधुर प्यार छलका दो ।
    .
    कवि कुलवंत सिंह

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  3. I do not have your emial address...

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wel come