Saturday, December 20, 2008

"Daag" ki shayyiri

उसकी महफिल से कहूं कया दिल को क्यूँकर ले चला
हार कर इक बार छोडा फिर मुकर्रर[again] ले चला
बाँध कर मुश्कें[haath-paar] ख्याल-ए-जुल्फ-ए-दिलबर ले चला
सांप के मुँह में मेरा मुझको मुकदर ले चला
चल दिया वो शोब्दा-गर[jadugar] मैं यह कहता रह गया
उसको लेना, वो कोई दिल को चुरा कर ले चला
खूब रिजवान[gate-keeper] से दर-ए-फिरदौस[heaven's gate] पर झगडे huye
जब बुत-ए-काफिर को मैं दिल में छुपा कर ले चला
मंजिल-ए-मक़सूद[wish] तक पहुंचे बड़ी मुश्किल से हम
जौफ[weakness] ने अक्सर बिठाया, शौंक अक्सर ले चला

No comments:

Post a Comment

wel come