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Thursday, May 7, 2009

faraz ki shayyiri

ग़म ही ऐसा था दिल शक[फटना] हो गया वर्ना 'फ़राज़'
कैसे कैसे हादसे हंस हंस के सह जाना पड़े

Saturday, May 2, 2009

faraz ki shayyiri

खामोश हो क्यूँ, दादे-जफा क्यूँ नहीं देते
बिस्मिल हो तो कातिल को दुआ क्यूँ नहीं देते

Saturday, April 25, 2009

faraz ki shayyiri

आज हम डार पे खींचे गये जिन बातों पर
कया अजाब कल वो ज़माने को निसाबों[पाठ्यकर्म] में मिले

Friday, April 17, 2009

faraz ki shayyiri

जब परचमे जाँले कर निकल, हम ख़ाक-नशीं मक़तल मक़तल
उस वक़त से ले कर आज तलक, जल्लाद पे हैबत[आतंक] तारी है

wel come