Showing posts with label बेखुद देहलवी. Show all posts
Showing posts with label बेखुद देहलवी. Show all posts

Sunday, May 10, 2009

bekhud dehlvi ki shayyiri

इन हसीनों को नई चालें सिखाता है फलक
दोनों दुश्मन है मेरे, शागिर्द भी, उस्ताद भी

bekhud dehlvi ki shayyiri

दर्द-ए-दील में कमी न हो जाये
दोस्ती दुश्मनी न हो जाये
तुम मेरी दोस्ती का दम न भरो
आसमान मुदई न हो जाये
बैठता हूँ हमेशा रिन्दों में
कहीं जाहिद वाली न हो जाये
अपने खू-ए-वफ़ा से डरता हूँ
आशकी बंदगी ना हो जाये

Thursday, April 30, 2009

bekhud dehlvi ki shayyiri

वादे का ज़िक्र, वस्ल का ईमा[संकेत], वफ़ा का कौल
यें सब फरेब है, दिल-शैदा के वास्ते

wel come