तेरा मुझ पे इख्तियार बाकी है
देखो कैसा हिसार बाकी है
कोई चला गया फिर भी
दिल रस्ते पे गुबार बाकी है
ये ख्वाब है या एहद कोई
जिसका मुझ पे बार बाकी है
आँख में धुआं सा रहता है
आग की कोई पुकार बाकी है
जिंदगी की कड़ी प्यास में 'साजिद'
और किस का इन्तिज़ार बाकी है