और तो कुछ न हुआ पी के बहक जाने से
बात मैखाने की बहार गई मैखाने से
दो निगाहों का जवानी में ऐसे मिलना
जैसे दीवाने का मिलना किसी दीवाने सी
दिल की उजड़ी हुई हालत पे न जाए जोई
शहर आबाद हुए हैं इसी वीराने से
दर-ओ-दिवार पे कब्जा है उदासी का 'नजीर'
घर मेरा घर न रहा उनंके चले जाने से