हमारे शौंक की ये इन्तहा थी
क़दम रखा कि ... मंजिल रास्ता थी
बिछड़ के डार से ... वन-वन[जंगल] फिरा वो
हिरन को अपनी कस्तूरी[musk-deer] कज़ा थी
कभी जो ख्वाब था ... वो पा लिया है !
मगर जो खो गयी ... वो चीज़ कया थी ???
मैं बचपन में खिलौने तोड़ता था
मेरे अंजाम की वो इबतीदा थी
मुहबत मर गयी ... मुझको भी ग़म है
अच्छे दिनों की आशना[दोस्त] थी
जिसे छू लूं मैं ... वो वो जाये सोना
तुझे देखा .. तो ... जाना बददुआ थी
मरीज़-ए-ख्वाब को तो ... अब सफा[आराम] है
मगर दुनिया बड़ी कड़वी दवा थी
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