Wednesday, March 18, 2009

सब कुछ वही
एक प्यारी सी सूरत,
एक मासूम सा चेहरा,
दो झील सी आंखे,
कुछ मीठी मीठी बाते,
एक नाज़ुक अदा,
कुछ मस्ती कुछ मज़ा,
थोडी सी शरारत,
बहुत सारी मोहब्बत,
एक भोली सी मुस्कान,
ऊंचा उड़ने का अरमान,
सबसे अलग सबसे जुदा,
जिसकी है प्यारी हर एक अदा…
पर आज लगता, नया सा क्यूँ है

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