इंसान में हैवान यहाँ भी है वहां भी
अल्लाह निगेहबान यहाँ भी है वहां भी
खूंखार दरिंदों के फ़क़त नाम अल्लग हैं
रहमान की कुदरत हो के, भगवान की मूरत
हर खेल का मैदान यहाँ भी है वहां भी
हिन्दू भी मज़े मज़े में है, मुसलमां भी मज़े में
इन्सान परेशान यहाँ भी है वहां भी
उठता है दिल-ओ-जान से धुंआ दोनों तरफ ही
ये मीर का दीवान यहाँ भी है वहां भी !
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