जी ना चाहे तोह कया करे कोंई
गर मर्ज़ हो दवा करे कोई
मरने वाए का कया करे कोई
कोसते हैं जले हुए कया कया
अपने हक में दुआ करे कोई
उंनसे सब अपनी-अपनी कह्ते हैं
मेरा मतलब अदा करे कोई
तुम सरापा हो सूरत-ए-तस्वीर
तुम से फिर बात कया करे कोई
जिसमे लाखो बरस की हूरे हो
ऐसी जन्नत का कया करे कोई
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