Saturday, May 30, 2009

jaun elia ki shayyiri

जब तेरी जान हो गई होगी
जान हैरान हो गई होगी
शब् था मेरा निगाह का बोझ उस पर
वो तो हलकान हो गई होगी
उसकी खातिर हुआ मैं खार बहुत
वो मेरी आन हो गई होगी
हो के दुश्वार जिंदगी अपनी
कितनी आसान हो गई होगी
बे_गिला हूँ मैं अब बहुत दिनों से
वो परेशां हो गई होगी
एक हवेली थी दिल मुहाले में
अब वो वीराँ हो गई होगी
उससके कुचे में आई थी शरीन
उसकी दरबान हो गई होगी
कमसिनी में बहुत शरीर थी वो
अब तो शैतान हो गई होगी

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