Saturday, May 2, 2009

qateel shifai ki shayyiri

मेरे हमनशीं मेरी कदर कर, मैं बनुगा फिर तेरा हमसफ़र
जो हुआ बिहिश्त बदर[स्वर्ग से निकला हुआ] कभी, उसी आदमी का बदल हूँ मैं !!!

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