मेरी हस्ती में जो लिखा है मिटाऊं कैसे
अब तुम ही बताओ के तुम्हें भुलाऊं कैसे
लोग कह्ते हैं के मैं जो हूँ वोह तुम ही तोह हो
तेरे होने को मैं सब से छुपाऊं कैसे
जागती आंखों में किसी और के ख्वाब सजाऊं कैसे
मैं जो चहुँ भी तोह कह न पाऊँ कुछ भी तुमसे
मेरी जो हालात है वोह मैं तुझको सुनाऊं कैसे !
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