मिलना था इतेफाक बिछड़ना नसीब था
वोह उतनी दूर हो गया जितना करीब था
मैं उसको देखने को तरसती ही रह गई
जिस शख्स की हथेली पे मेरा नसीब था
दफना दिया गया मुझे चाँदी की कब्र मैं
मैं जिसको चाहती थी, वोह लड़का घरीब था
बस्ती के सारे लोग ही आतिश_परस्त थे
घर मेरा जल रहा था समुंदर करीब
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