किसी से बेसबब उलझा नही था
वो पहले तोह कभी ऐसा नही था
वो फिर भी याद रहना चाहता था
अगरचे मैं उससे भुला नही था
उससे भी रास्तों का सब पता था
सफर मेरा भी ये पहला नही था
बोहत आला था उसको ज़र्फ़ लेकिन
वो मेरी जात को समझा नही था
मैं उसको दोस्त रखना चाहता था
मगर वो आप ही माना नही था
वो जैसे बेरुखी से चल पड़ा था
मैं इतना भी गया गुज़रा नही था
उससे मैं क्यूँ बुरा ठहरों यारो
वो अच्छा था, फ़क़त मेरा नही था
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