हमने कुछ इस तरह मोहब्बत की है
के मोहब्बत में आपकी परस्तिश की है ...
आपके बगैर जिंदगी का कोई तस्सवूर नहीं
मैंने कुछ इस तरह से आपकी तमना की है ...
हमारे दरमियाँ हायल रहें सद्दियों की खामोशियाँ
मैंने आप से कुछ इस तरह गुफ्तगू की है ...
मेरे दिल में बस जाओ तुम रुह-ओ-मुहब्बत बन के
मैंने दिल की गहरायी से ये इल्तिजा की है ...
आपके मिलने से पहले मैं ख़ुद से न_आशना थी
समझा है प्यार को जब से मोहब्बत की है
मेरी जिंदगी की खामोशियाँ आप से ही हैं वाबस्ता
मैंने रब से आपको पाने की दुआ की है ...
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