Friday, June 5, 2009

daag dehlvi ki shayyiri

मुहब्बत में करे क्या कुछ किसी से हो नहीं सकता
मेरा मरना भी तो मेरी खुशी से हो नहीं सकता
न रोना है तरीके का, न हँसना है सलीके का
परेशानी में कोई काम जी से हो नहीं सकता
खुदा जब दोस्त है, ऐ ! 'दाग', क्या दुश्मन से अंदेशा
हमारा कुछ किसी की दुश्मनी से हो नहीं सकता

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