Sunday, June 7, 2009

farosh ki shayyiri

इतना तो करम हम पे ऐ! सय्याद करे है
पर नोच के अब क़ैद से आजाद करे है
ऐ ! बाद-ए-सबा [हवा] उन् से ये कह दीजियो जा कर
परदेस में एक शख्स तुझे याद करे है
आवे है तेरी याद तोह हँस देवे है अक्सर
दीवाना तेरा यूँ भी तुझे याद करे है
फरजाना[wise] उजाडे है भरे शहरो को, लेकिन
दीवाना तो सहरा को भी आबाद करे है
लिख लिख के मिटा देवे है तू नाम ये किस का
सच कहियो "फरोश" आज किसे याद करे है

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