दिल तो हमने ही लगाया है, आप चुप क्यूं हैं ?
दांव यें हमने गंवाया है, आप चुप क्यूं हैं ?
लोग कया कया नहीं कहते है हमें दुनिया मैं !
आप का नाम भी आया है, आप चुप क्यूं हैं ?
यह तो कहिये की नज़र क्यूं है खोई खोई हुई !
भेद कया हमसे छिपाया है, आप चुप क्यूं हैं ?
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