Saturday, June 6, 2009

moulana iqbal ahmed sohail ki shayyiri

पीछे हैं क़दम, आगे है नज़र, जाना है किधर, जाते हैं किधर
मुबहम है यहाँ ख़ुद सम्त-ए-सफर, रफ़्तार-ए-ज़माना क्या कहिये

No comments:

Post a Comment

wel come