Thursday, June 4, 2009

natiq lucknawi ki shayyiri

आप दुनिया भर से उल्फत कीजिये
मुझको मेरा दिल इनायत कीजिये
ज़ब्त[patience] से क्या खून-ए-हसरत कीजिये
एक नाला[cry] कर के फ़ुर्सत[finish] कीजिये
जोअफ़[weakness] कहता है के मंजिल दूर है
शौक़ कहता है की हिम्मत कीजिये
गर्क ही होना था मंज़ूर-ए-खुदा
न-खुदा की क्या शिकायत कीजिये
हज़रात-ए-'नातिक' जहाँ तक हो सके
अपने दिल में ज़ब्त-ऐ-उल्फत कीजिये

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