ले चला जान मेरी रूठ के जाना तेरी
ऐसे आने से तो बेहतर था न आना तेरा
तू जो ऐ जुल्फ-ए-परेशां रहा करती है
किस के उजडे हुए दिल में है ठिकाना तेरा
अपनी आंखों में अभी कौंध गई बिजली सी
हम न समझे की ये आना है के जाना तेरा
तू खुदा तो नही ऐ नशे नादान मेरा
क्या खता की, जो कहा मैंने न माना तेरा
ये समझ कर तुझे, ऐ मौत, गले लगा रखा है
काम आता है बुरे वक्त में आना तेरा
'दाग' को यूँ वो मिटते हैं, ये फरमाते हैं
तू बदल डाल हुआ नाम पुराना तेरा
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