Friday, June 5, 2009

unknown

दोस्ती अपनी जगह है लेकिन
मुझसे इस आड़ मैं सचाई न मांग
मैंने जिन् नज़रों से देखा है तुझे
मुझसे उन् आँखों की बिनाई न मांग
दोस्ती अपनी जगह है लेकिन
मेरी अपनी भी हैं सोचें
मेरी दोस्ती देखने वाले मुझे दोस्त कहें
तेरा साया तो न समझें !
मेरे दोस्त ! दोस्ती अपनी जगह है लेकिन
मेरी अपनी भी कहानी है कोई
एक भी माया सा ज़रा ही सही
फिर भी ऐ ! दोस्त निशानी है मेरी
दोस्ती अपनी जगा है लेकिन
मेरा अपना भी तशाकुस है, मेरे दोस्त ! ...

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