ये कामयाबियाँ इज्ज़त ये नाम तुमसे है
खुदा ने जो भी दिया है मकाम तुमसे है
तुम्हारे दम से हैं मेरे लहू में खिलते गुलाब
मेरे वुजूद का सारा निजाम तुमसे है
कहाँ बिसात-ए-जहाँ और मैं कमसिन और नादान
ये मेरी जीत का सब अह्तेमाम तुमसे है
जहाँ जहाँ है मेरी दुश्मनी सबब मैं हूँ
जहाँ जहाँ है मेरा अहतेराम तुमसे है
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