Friday, June 5, 2009

unknown

हँसने नही देता कभी रोने नही देता
ये दिल तो कोई काम भी होने नही देता
तुम मांग रहे हो मेरे दिल से मेरी ख्वाइश
बच्चा तो कभी अपने खिलोने नही देता
मैं आप उठता हूँ शब्-ओ-रोज़ की जिल्लत
ये बोझ मेरा दिल किसी को धोने नही देता
वो आज कहा है इससे तो मैं वाकिफ भी नही हूँ
जो मुझको किसी और का होने नही देता....

No comments:

Post a Comment

wel come