हो गई है पीर पर्वत सी पिघलनी चाहिए
इस हिमालय से कोई गंगा निकालनी चाहिए
आज ये दीवार परदों की तरह हिलने लगी,
शर्त लेकिन थी की ये बुनियाद हिलनी चाहिए
सिर्फ़ हंगामा खड़ा करना मेरा मकसद नहीं
सारी कोशिश है की ये सूरत बदलनी चाहिए
मेरे सीने में नहीं तो तेरे सीने में सही
हो कहीं भी आग लेकिन आग जलनी चाहिए
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