Saturday, June 6, 2009

unknown

तेरी तारीफ़ करते हैं तो इस में क्या बुरे है
खुदा ने अपने हाथों से तेरी सूरत बनाई है !
हज़ारों की तरह सुन ले तेरी रुसवाई के डर से
तेरी तस्वीर हमने किताबों में छुपायी है !
तेरी मासूम सूरत की यही तारीफ़ है सुन ले
ज़बान पे है यही सब के खुदाई है खुदाई है !
मर्ज़ यह इश्क का ऐसा लगा की फिर नहीं छूटा
दुआ भी हमने की 'राही' दवा भी आजमाई है !
तेरी तारीफ़ करते हैं तो इस में क्या बुराई है
खुदा ने अपने हाथों से तेरी सूरत बनाई है !

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