देर लगी आने में तुमको शुक्र है फिर भी आये तो !
आस ने दिल का साथ ना छोड़ा वैसे हम घबराये तो !
शफक, धनक, महताब, घटायें, तारे, नग्मे,बिजली,फूल
उस दामन में कया कया कुछ है ! वो दामन हाथ में आये तो !
झूठ है ! सब तारीख हमेशा अपने को दोहराती है
अच्छा ! मेरे ख्वाब-ए जवानी थोडा सा दोहराये तो !
सुनी सुनाई बात नहीं है अपने उपर बीती है
फूल निकलते हैं शूलों से चाहत आग लगाये तो ... !!!
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