हिजाबों में भी तू नुमायाँ नुमायाँ
फरोजां फरोजां दरख्शां दरख्शां
तेरे जुल्फ-ओ-रुख का बदल ढूँढ़ता हूँ
शबिस्ताँ शबिस्ताँ चिरागां चिरागां
खाद-ओ-खाल की तेरे परछाइयां हैं
खयाबान खयाबान गुलिश्तां गुलिश्तां
हनून-ओ-मुहब्बत उन् आंखों की वेह्श्त
बयाबां बयाबां गज़लां गज़लां
लपट मुश्क-ए-गेसू की तातार तातार
दमक लाल-ए-लब की बदख्सां बदख्सां
वही एक तबस्सुम चमन दर चमन है
वही पंखुडी है गुलिस्तां गुलिस्तां
सरासर है तस्वीर जमीतों की
मुहब्बत की दुनिया हरासां हरासां
यही जज्ब-ए-पिन्हाँ की है दाद काफ़ी
चले आओ मुझ तक गुरेज़ाँ गुरेज़ाँ
'फिराक' खजीं से तोह वाकिफ थे तुम भी
वो कुछ खोया खोया परेशान परेशान
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