झूठा निकला करार तेरा
अब किसको है ऐतबार तेरा
दिल में सौ लाख चुटकियाँ ली
देखा बस हम ने प्यार तेरा
दम नाक में आ रहा था अपने
था रात ये इंतज़ार तेरा
कर जब्र जहाँ तलक तू चाहे
मेरा क्या, इख्तियार तेरा
लिप्टूं हूँ गले से आप अपने
समझूँ हूँ की है किनार तेरा
'इंशा' से मत रूठ मत ख़फा हो
है बंदा जानिसार तेरा
No comments:
Post a Comment