खोया खोया उदास सा होगा
तुमसे वो शख्स जब मिला होगा
कुर्ब का ज़िक्र जब चला होगा
दरमियाँ कोई फासला होगा
रूह से रूह हो चुकी बद्जान
जिस्म से जिस्म कब जुदा होगा
फिर बुलाया है उसने ख़त लिख कर
सामने कोई मसला होगा
घर मैं सब लोग सोया रहे होंगे
फूल आँगन मैं जल चुका होगा
कल की बातें करोगे जब लोगो
खौफ सा दिल मैं रूनुमा होगा
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