Thursday, June 4, 2009

jaun elia ki shayyiri

दिल परेशां है, क्या किया जाये
अक्ल हैरान है, क्या किया जाये
शौक़-ए-मुश्किल-पसंद, उंनका हसूल[attainment]
सख्त आसन है, क्या किया जाए
इश्क-ए-खूबां[love of beautiful ppl] के साथ ही हम में
नाज़-ए-खूबां[pride of beautifuk ppl] है, क्या किया जाये
बे-सबब ही मेरी तबियत-ए-ग़म
सब से नालां[complaining] है, क्या किया जाये
बावजूद उनकी दिल-नवाजी के
दिल गुरेज़ाँ है, क्या किया जाये
मैं तो नकद-ए-हयात लाया था
जिन्स अरजाँ[cheap] है, क्या किया जाये
हम समझते थे इश्क को दुशवार
ये भी आसान है, क्या किया जाए
वो बहारों की नाज़-परवर्दह
हम पे नाजां है क्या किया जाये
मिस्र-ए-लुत्फ़-ओ-करम में भी ऐ 'जौन'
याद-ए-किनां है क्या किया जाए

No comments:

Post a Comment

wel come