Thursday, June 4, 2009

nusrat fateh ali khan ki shayyiri

साकी कि हर निगाह पे बल खा के पी गया
लहरों से खेलता हुआ लहरा के पी गया
रहमत--तमाम मेरी हर खता मुआफ
मैं इन्तहा--शौक़ में घबरा के पी गया

पीता बगैर इज़्न ये कब थी मेरी मजाल
दर-परदा चश्म--यार की शै पा के पी गया
जाहिद ये मेरी शोखी--रिन्दाना देखना
रहमत को बातों बातों में बहला के पी गया

उड़ी उड़ी घटाएं आती हैं, मुतरिबों कि नावें आती हैं
किस के गेसू खुले हैं सावन में, महकी महकी हवाएं आती हैं
आओ सहन--चमन में रक्स करें, साज़ लेकर घटाएँ आती हैं
देख कर उनकी आंखडियों को अदम, मैकदों को हवाएँ आती हैं

पास रहता है दूर रहता है, कोई दिल में ज़रूर रहता है
जब से देखा है उनकी आंखों को, हल्का हल्का सुरूर रहता है
ऐसे रहते हैं वो मेरे दिल में, जैसे ज़ुल्मत में नूर रहता है
अब अदम का वो हाल है हर क़दम, मस्त रहता है चूर रहता है

ये जो हल्का हल्का सुरूर है, सब तेरी नज़र का कुसूर है
के शराब पीना सिखा दिया....
तेरे प्यार ने तेरी चाह ने, तेरी बहकी बहकी निगाह ने
मुझे एक शराबी बना दिया ....

शराब कैसी खुमार कैसा, ये सब तुम्हारी नवाज़िशें हैं
पिलाई है किस नज़र से तुने, के मुझको अपनी ख़बर नहीं है
ये जो सकी हर तरह कि तेरे मैखाने में है
वो भी थोडी सी जो इन आंखों के पैमाने में है

सब समझता हूँ तेरी इश नज़र सकी
काम करती है नज़र नाम है पैमाने का
तेरा प्यार है बस मेरी ज़िन्दगी ....

ना नमाज़ आती है मुझको ना वुजू आता है
सजदा कर लेता हूँ जब सामने तू आता है

मैं अज़ल से बंदा--इश्क हूँ
मुझे ज़ुहद--कुफ़्र का ग़म नहीं
मेरे सर को दर तेरा मिल गया
मुझे अब तलाश--हरम नहीं

मेरी बंदगी है वो बंदगी
जो बा_क़ैद--दैर--हरम नहीं
मेरा इक नज़र तुम्हें देखना
बा_खुदा नमाज़ से कम नहीं

क़यामत में तेरा दाग़--मुहब्बत लेकर उठूँगा
तेरी तस्वीर उस दम भी कलेजे से लगी होगी

तेरी याद है मेरी बंदगी
जो तेरी खुशी वो मेरी खुशी
ये मेरे जूनून का है मोजाज़ा
जहाँ अपने सर को झुका दिया
वहां मैंने काबा बना दिया

मेरे बाद किस को सताओगे ??

दिलजलों से दिल लगी अच्छी नहीं
रोने वालों से हँसी अच्छी नहीं
दिल्लगी ही दिल्लगी में दिल गया

खुदा के लिये अपनी नज़रों को रोको वर्ना
मेरा दिल गया ....
मेरी तरह खुदा करे तेरा भी किसी पर आये दिल
तू भी कलेजा थाम के कहता फिरे के हाय दिल

दिल्लगी ही दिल्लगी में दिल गया
दिल लगाने का नतीजा मिल गया
मैं तोः रोता हूँ के मेरा दिल गया
तुम क्यूँ हँसते हो तुम्हें कया मिल गया ??

अच्छा फिर…..

मेरे बाद किसको सताओगे ??
मुझे किस तरह से मिटाओगे
कहाँ जा कर तीर चलोगे
मेरी दोस्ती कि बलाएं लो
मुझे हाथ उठा कर दुआएं दो
तुम्हें एक कातिल बना दिया

मुझे देखो ख्वाइश--जान--जाँ
मैं वही हूँ अनवर--नीम जाँ
तुम्हें इतना होश था जब कहाँ
ना चलाओ इस तरह तुम ज़ुबाँ
करो मेरा शुक्रिया मेहरबान
तुम्हें बात करना सिखा दिया

ये जो हल्का हल्का सुरूर है
ये तेरी नज़र का कुसूर है
के शराब पीना सिखा दिया

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wel come