Friday, June 5, 2009

sikandar ali wajd ki shayyiri

खुश-जमालों की याद आती है
बे-मिसालों की याद आती है
बैस-ए-रश्क[cause of envy]-ए-मह'र-ओ-माह थे जो
उन् हिलालों[new moon] की याद आती है
जिनसे दुनिया-ए-दिल मुनव्वर[luminous] थी
उन् उजालों की याद आती है
जिनकी आंखों में था सुरूर-ऐ-ग़ज़ल
उन् ग़ज़लों की याद आती है
सादगी ला-जवाब है जिनकी
उन् सवालों की याद आती है
ज़िक्र सुनते हैं नौ-जवानी का
कुछ ख्यालों की याद आती है
जाने वाले कभी नहीं आते
जाने वालों की याद आती है
'वज्द' लुत्फ़-ए-सुखन मुबारक हो
बा-कमालों की याद आती है

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