हिजाब को बेनकाब होना था
हाँ मुझी को ख़राब होना था
खेली बचपन में आँख मचोली बोहोत
आया शबाब तो हिसाब होना था
साथ रहते हैं रात दिन की तरह
तुम हो महताब[moon] मुझे अफताब[sun] होना था
मेरी आंखों का कुछ कुसूर नही
हुस्न को लाजवाब होना था
था मुक़द्दर में हमारा मिलना
मगर न हम ने कहाँ कामयाब होना था
हिजाब को बेनकाब होना था
हाँ मुझी को ख़राब होना था
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