कहानी में ज़रा सी बेवफाई मांगते रहना
मुहब्बत की असीरी से बहाई मांगते रहना
बोहत आसन नही होता, जाना जुदाई मांगते रहना
ज़रा सा इश्क कर लेना, ज़रा सी आँख भर लेना
फिर उस के बाब में सारी खुदाई मानते रहता
कभी सुर्ख होंतो पर दुआ का हर्फ़ रख देना
कभी वहशत में उस की नारसाई मांगते रहना
वफाओं की तसलसोल से मुहब्बत रूठ जाती है
इस लिए, कहानी में ज़रा सी बेवफाई मांगते रहना
अजब है व्हशतें जान भी के आदत होगी दिल की
सोकुत'ते शाम में ग़म से हम'नवाई मांगते रहना
कभी बच्चे के नन्हे हाथ पर तितली के पर रखना
और कभी फिर उस के रंग से रिहाई मांगते रहना
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