उसने आवारा मिजाजी को नया मोड़ दिया
पा' बा ज़ंजीर किया और मुझे छोड़ दिया
उसने आँचल से निकाली मेरी गमगश्ता बियाज़
और चुपके से मोहब्बत का वरक मोड़ दिया
जाने वाले ने हमेशा की जुदाई दे कर
दिल को आंखों में धड़कने के लिए छोड़ दिया
हमको मल्लुम था अंजाम--मुह्हबत हमने
आखरी हर्फ़ से पहले ही कलम तोड़ दिया
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