ग़म मुझे, हसरत मुझे, वहशत मुझे, सौदा मुझे
एक दिल दे के खुदा ने दे दिया क्या क्या मुझे !
ये नमाज़-इ-इश्क है, कैसा अदब, किसका अदब !
अपने पाए नाज़ पर करने भी दो सजदा मुझे
देखते ही देखते दुनिया से मैं उठ जऊँगा
देखती की देखती रह जायेगी दुनिया मुझे
है असूल-ए-आरज़ू का राज़ तरक-ए-आरज़ू
मैंने दुनिया छोड़ दी, मिल गयी दुनिया मुझे
कह के सोया हूँ ये अपना इज़्तराब-ए-शौंक से
जब वो आयें कबर पर फ़ौरन जगा देना मुझे
सुबह तक क्या क्या तेरी उम्मीद ने ताने दिए
आ गया था शाम-ए-गम इक नींद का झोंका मुझे
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