Saturday, May 30, 2009

unknown

भीड़ में रिश्तों की इस दिल को अकेला देखा
जिंदगी ऐसा भी हमने तेरा चेहरा देखा
अब तोह बाँध होने की आँखों को इजाज़त दे दे
बरसों आँखों ने तेरा जाग के रास्ता देखा
गरीबी तुझे कैसे मैं कातील समझूँ
मैंने ही करते तुझे खून--तमन्ना देखा
उमर भर साथ चले फिर भी रहे तुम तन्हा
हमने कुर्बत में भी एक फासला ऐसा देखा
उसने बाहों में समां रखे थे दरिया लेकिन
हमने साहिल को देखा तोह वोह भी प्यासा देखा !!!!

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